वीडियो जानकारी: शब्दयोग सत्संग, 20.04.2019, मुक्तेश्वर, उत्तराखंड, भारत<br /><br />प्रसंग:<br />ततः क्षीयते प्रकाशावरणम् ॥ २.५२॥<br />भावार्थ: साधना के अभ्यास से प्रकाश के ऊपर का आवरण क्षीण हो जाता है। <br />साधन पाद,<br />पतंजलि योग सूत्र<br /><br />~ योगसूत्र को कैसे समझें?<br />~ साधना में तीव्रता कैसे लाएं?<br />~ हम साधना से दूर क्यों भागते हैं?<br />~ पतंजलि को कैसे समझें?<br />~ जीव की मूल चतुराई क्या होती है?<br />~ मुक्ति की दिशा में साधना का क्या महत्व है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~~~~~~~